तुलसी का पौधा बुध का प्रतिनिधित्व करता है, जो भगवान कृष्ण का एक स्वरूप माना गया है. भगवान कृष्ण को तुलसी सर्वाधिक प्रिय है। घर में लगा तुलसी का पौधा भी भविष्य में होने वाली घटनाओं को लेकर आपको सतर्क करता है. ये संकेत शुभ और अशुभ दोनों ही हो सकते हैं। अगर आपके घर में लगी तुलसी सूख जाती है तो ये हो सकता है बुध की ख़राब दशा के कारण।इस लेख में जानेगे इसके कारण और निवारण।
भगवान कृष्ण को कोई भी भोग बिना तुलसी के नहीं लगाया जाता है। जो परिवार श्री कृष्ण को मानते हैं उनके घर में तुलसी का पौधा जरूर पाया जाता है और वो कृष्ण के साथ तुलसी की भी आराधना करते हैं।
तुलसी पौधे का सूख जाना
जिनके बुध्ध ख़राब होते हैं उनके घर में तुलसी कभी भी अच्छे से नहीं उगती। यह घर से धन जाने का संकेत है।
ये पितृ दोष के संकेत को भी दर्शाता है. ऐसी भी मान्यता है कि अगर बार-बार लगाने के बाद भी तुलसी का पौधा सूख जाता है, तो इसका मतलब होता है कि आपके ऊपर पितरों का बहुत सारा ऋण है. इसे उतारने के लिए जरूरमंद लोगों को दान देना चाहिए।
बुद्ध को सही कर लेंगे तो सब कुछ सही हो जाएगा। बुद्ध अच्छे होते हैं तो बुध्धि अच्छी चलती है, काम बहुत अच्छा चलता है।
पत्तों का पीले पड़ जाना:
वहीं, अगर तुलसी के पत्ते अचानक से पीले पड़ने लगे तो इसे भी अशुभ संकेत माना जाता है। आने वाले समय में ये आपके परिवार के ऊपर किसी बड़े संकट की ओर इशारा करता है. या फिर परिवार का कोई सदस्य बीमार पड़ सकता है।
अगर ये पत्ते पीले पड़ जाते हैं, तो इन्हें हटाकर जल में प्रवाहित कर देना चाहिए. ऐसे में घर में ज्यादा से ज्यादा पूजा पाठ करें। रामायण या फिर महामृत्युंजय का पाठ करें. इससे बुध ग्रह में सुधार होता है।
पौधे पर ज्यादा होने लगे मंजरी
जब तुलसी के पौधे पर लगी मंजरी सूखने लगे, तो उसे खुद से ही हटा देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि न हटाने पर तुलसी के पौधे पर बोझ बढ़ने लगता है जिसका अर्थ होता है कि परिवार के मुखिया पर बोझ बढ़ने लगता है।
तुलसी की सूखी मंजरी को हटाकर जल में प्रवाहित कर देना चाहिए, या फिर सुखा कर तुलसी की बीज की तरह काम में ले सकते हैं।
तुलसी को परम वैष्णव माना गया है। भगवान विष्णु की पूजन पद्धति में तामसिक तरीकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। भगवान विष्णु की पूजा राजसिक या सर्वाधिक प्रिय सात्विक तरीके से की जाती है। उन लोगों को अपने घर में तुलसी नहीं रखनी चाहिए जो मांस का सेवन करते हैं।
धार्मिक महत्व:
तुलसी के पौधे का महत्व का उल्लेख कई हिंदू ग्रंथों और शास्त्रों में किया गया है। तुलसी के पौधे के कई गुण पद्मपुराण, ब्रह्मवैवर्त, स्कंद पुराण, भविष्य पुराण और गुरुड़ पुराण में बताए गए हैं।
ज्योषित शास्त्र के अनुसार तुलसी के पौधे का बहुत ही धार्मिक महत्व है। बिना तुलसी दल के पूजा पूरी नहीं होती है। हिंदू धर्म ग्रंथों और
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के पौधे में धन की देवी मां लक्ष्मी का वास होता है। ऐसी मान्यता है कि नियमित रूप से तुलसी की पूजा करने, जल और दूध चढ़ाने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वृंदा के रूप में तुलसी भगवान विष्णु की परम भक्त थीं। प्रतिदिन तुलसी की पूजा करने के घर में समृद्धि आती है और आर्थिक परेशानियां कम हो जाता है।
तुलसी के बिना अधूरी मानी जाती है पूजा:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान की पूजा में भोग लगाते समय तुलसी डालने का महत्व बताया गया है। ऐसी भी मान्यता है कि बिना तुलसी दल के भगवान का भोग अधूरा रहता है। वहीं राम भक्त हनुमान को तुलसी का भोग लगाया जाता है। भगवान कृष्ण और विष्णु की पूजा बिना तुलसी दल के पूरी नहीं होती है।
तुलसी के पौधे को बहुत ही पवित्र माना गया है, इसे घर के आंगन में भी लगाने का फल बताया गया है। वास्तु में भी तुलसी को सकारात्मकता में वृद्धि करने वाला पौधा कहा गया है। हिंदू धर्म को मानने वाले घरों में पहले के समय में आंगन को बीचो-बीच एक तुलसी का पौधा अवश्य लगा होता था।
ज्योतिष के अनुसार तुलसी के पौधे को कभी दक्षिण दिशा में नहीं लगाना चाहिए। इस दिशा में रखी गई तुलसी धन की समस्या पैदा करती है। तुलसी को हमेशा उत्तर दिशा में ही लगाएं, जो बुध की दिशा मानी जाती है।
तुलसी को कभी भी जमीन में नहीं लगाना चाहिए। तुलसी को हमेशा गमले में ही लगाना चाहिए। जमीन में लगाने पर तुलसी अशुभ फल देना शुरू कर देती है. जिसका असर घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
तुलसी को कभी भी छत पर नहीं रखना चाहिए। तुलसी को छत पर रखने से बुध ग्रह खराब हो जाता है और व्यक्ति के जीवन में मानसिक विकार आने लगते हैं।
तुलसी को अंडरग्राउंड भी नहीं लगाना चाहिए. ऐसी जगह लगी तुलसी रोग, विकार को जन्म देती है।
रविवार के दिन तुलसी की पूजा-अर्चना नहीं करनी चाहिए और ना ही इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने चाहिए। बाकी दिनों में भी तुलसी के पत्ते सूर्यास्त के बाद तोड़ने चाहिए।
घर में हमेशा दोनों प्रकार की तुलसी – राम तुलसी (हरी तुलसी ) और श्याम तुलसी (काली तुलसी ) दोनों का कॉम्बिनेशन रखना चाहिए।
इसकी उर्जा समृधी दायक होती है, लक्ष्मी कारक होती है और हर प्रका%
very good bro