शतधौत घृत क्या है? 100 times washed butter? Single Solution for all Skin Problems
(“शतधौत घृत” एक संस्कृत शब्द है जिसमें (“शत” SHAT का अर्थ है “सौ”, “धौत” DHAUT का अर्थ है “धोया हुआ” और “घृत” GHRIT का अर्थ है “घी”)। अर्थात 100 बार धोया गया घी। 100 Times Washed Butter| Single solution for all Skin Problems||
आयुर्वेद के अनुसार यह किसी भी तरह के त्वचा रोग में बहुत प्रभावी है। आयुर्वेद का यह रामबाण वैज्ञानिक आधार पर भी प्रमाणित है।
- “पंचगव्य शतधौत घृत” एकमात्र ऐसी क्रीम है जो त्वचा की आंतरिक परत तक पहुँच कर काम करती है और त्वचा को पोषण देती है।
- यदि त्वचा में जलन महसूस हो तो इस क्रीम का उपयोग करने से त्वचा को ठंडक और तुरंत आराम मिल जाता है।
- चिकनपॉक्स (chickenpox), एक्ने (acne), मुँहासे (pimples), एक्जिमा (Eczema) या सोरायसिस (Psyrosis) के मामले में इस क्रीम का उपयोग उनके निशान को मिटा देता है।
शतधौत घृत का प्रयोग NATHABIT अपने कई सौंदर्य प्रस्धानो में उपयोग करता है. ये उत्पाद ऑनलाइन खरीदने के लिए उपलब्ध हैं। CLICK HERE TO BUY
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- एरिसीपेलस और हर्पीज (herpis) (एक प्रकार का जीवाणु संक्रमण) के मामले में, यह त्वचा को तुरंत लाभ पहुंचाता है।
- त्वचा की झुर्रियां कम करता है और त्वचा की सुंदरता और नमी को बढ़ाता है।
- यह सन बर्न में बहुत फायदेमंद है।
- जिन गर्भवती महिलाओं को रक्तस्राव या blood spotting की समस्या होती है, तो इसकी नाभि के आसपास हल्की मालिश करने से बहुत लाभ होता है।
- किसी भी तरह के स्ट्रेच मार्क (stretch mark) को हटाने में बहुत उपयोगी है।
शत धौत घृत कैसे बनाया जाता है?
“चरक संहिता” जो आयुर्वेद का एक प्राचीन ग्रंथ है और 400 – 200 ईसा पूर्व में लिखा गया था, इस घी के बनाने का विवरण है। इसके अनुसार शुद्ध गाय के घी को एक तांबे के बर्तन में 100 बार धोया जाता था, और पूरणमासी की रात को दिव्य मंत्रों के साथ जप किया जाता था।
१०० बार धोने के लिए एक 8 -10 इंच की चौड़ी प्लेट ली जाती है। एक गोल पेंदे वाला कटोरा लिया जाता है जिसमें घी को माथा जाता है।
घी को धोने के लिए शुद्ध पानी का उपयोग होता है ।
शत धौत घृत घर में कैसे बनाये:
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100 ग्राम घी और 100 ग्राम पानी ले।
घी को ताँबे के प्याले या स्टैंड मिक्सर में डालिये. यदि आपके पास तांबे का कटोरा नहीं है तो आप किसी भी स्टील के कटोरे का उपयोग कर सकते हैं। कटोरे में घी के बराबर मात्रा में ठंडा पानी लें।
अब घी को स्टैंड मिक्सर (mixer) या हैंड ब्लेंडर (hand blender) की सहायता से मध्यम गति से चलाएं। यह कार्य चम्मच की सहायता से भी कर सकते हैं पर उसमे श्रम व् समय दोनों अधिक लगता है।
पानी शुरू में घी में मिल जाएगा और फिर धीरे-धीरे अलग होने लगेगा। जब पानी अलग हो जाए तो पानी को अलग कर दें। इसे वन वॉश (one wash) माना जाता है।
इस प्रक्रिया को 100 बार दोहराएं। हर बार ताजे पानी का प्रयोग करें। प्रक्रिया में कई घंटे लग सकते हैं। यह थोड़ा मुश्किल है लेकिन उपयुक्त प्रभाव की लिए इस प्रक्रिया को 100 बार अवश्य दोहराएं।
इसे 24 घंटे के लिए फ्रिज में रख दें और अगर घी में अभी भी पानी मौजूद हो तो इसे दबाकर सुखा लें।
आपका क्रीम / मॉइस्चराइजर (cream / moisturizer) उपयोग के लिए तैयार है। इसे नियमित क्रीम, नाइट क्रीम, एंटी-टैनिंग और एंटी-रिंकल फेस पैक और बॉडी बटर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसको आप मॉइस्चराइजर के तरह भी उपयोग कर सकते है। इसको चेहरे पर लगाने की बाद 15 मिनट बाद चेहरे को हलके गर्म पानी से धो लें।
शत धौत घृत बनाने के लिए तांबे (copper) का कटोरा क्यों उपयोग किया जाता है?
- तांबे (copper) की कटोरी में घी धोने से चर्बी घी से अलग होने लगती है।
- कॉपर घी के एंटीऑक्सीडेंट (antioxidants) और rejuvenation कार्यों को भी बढ़ाता है।
- यह त्वचा के पुनर्जनन (regeneration) को भी बढ़ावा देता है और क्षतिग्रस्त ऊतकों (damaged tissues) की मरम्मत (repair) की प्रक्रिया में सुधार करता है।
- यह घी के anti-inflammatory गुणों को भी बढ़ाता है, जो त्वचा की जलन और सूजन (skin irritation and inflammation) का इलाज करने में मदद करता है।
- यह त्वचा को नरम (soften) भी करता है और त्वचा की लोच (skin elasticity) में सुधार करता है जो एक young look प्रदान करता है।
- तांबे की कटोरी में धोया गया घी मुंहासे (acne), फुंसी (pimples) , रोसैसिया (rosacea), एक्जिमा (eczema ) और त्वचा के संक्रमण (infections) के लिए सबसे अच्छा उपाय है।
NATHABIT फ्रेश व्हीप्ड फेस मलाई (Fresh Whipped Face Malai ) को क्या खास बनाता है?
यह आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की संयुक्त शक्ति के साथ त्वचा की छोटी-छोटी जरूरतों को ईमानदारी से पूरा करता है।
Nathabit की ये मलाई, जो भरपूर हैं शत धौत घृत से और अन्य जरुरी आयुर्वेदिक व् रोजमर्या में इस्तेमाल होने वाली सब्जियों, फल व् रसोई में उपयोग होने वाले मसालों से, ६ प्रकार के variants में:
- Green Apple (13 – 19 years)
- Flax Bakuchi (35+ years)
- Flax Carrot (35+ years)
- Pomegranate Tulsi (13 – 19 years)
- Tomato Vetiver (20 – 35 years)
- Tomato Rosehi (20 – 35 years)
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फोटो क्रेडिट : nathabit वेबसाइट
Thanks for writing such an informative article in miraculous ayurvedic remedies.