भारतीय रीति रिवाजों की माने तो करवा चौथ (Karwa Chauth) का त्योहार हिंदू धर्म में कई मयानों में बेहद खास होता है। करवा चौथ का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। करवा चौथ पर करें पत्नी को खुश।बस कुछ बातों का ध्यान रखें और इस त्यौहार को यादगार बनायें।
करवा चौथ का व्रत कार्तिक हिन्दू माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर किया जाता है। इस दिन शिव पार्वती, कार्तिकेय, गणेश तथा चंद्रमा की पूजा की जाती है।इस बार यह व्रत १३ अक्टूबर को है।
इस दिन महिलाएं सुबह से ही निर्जला व्रत रखती हैं और रात को चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही अपना व्रत खोलती हैं। लेकिन क्या सिर्फ महिलायों को ही करना चाहिए ये व्रत? बदलते समय में ये व्रत पति भी रखते है।
इस दिन कुछ खास उपाय करने से पति-पत्नी में प्रेम बना रहता है और वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर हो सकती हैं।
वैसे तो यह त्यौहार मूलतः उत्तर भारत व् पश्चिम भारत में ज्यादा प्रचलित है. लेकिन थैंक्स तो बॉलीवुड , जहाँ पर करवाचौथ पर बनी कुछ अच्छी फिल्मो की वजह से जिन में करवा चौथ को एक रोमांटिक त्योहार की तरह से दिखाया गया है।
एक अविवाहित महिला एक पुरुष के लिए उसके लिए उपवास रखकर अपने प्यार का संकेत देती है और वह सहानुभूति के संकेत के रूप में गुप्त रूप से उपवास करती है। दिन के दौरान उसके लिए चिंता और चंद्रोदय पर उसे खिलाकर उसका उपवास तोड़ना जैसी घटनाओं से दर्शकों के दिल में इस त्यौहार के लिए एक अलग संवेदना का संकेत देती है।
एक अन्य फिल्म में , जिसमें एक आदमी अपनी बुजुर्ग उपवास पत्नी को टेलीफोन पर उपवास तोड़ने के लिए राजी करता है क्योंकि उन्हें उनके लापरवाह बच्चों ने अलग कर दिया है। पति पत्नी के अटूट प्यार को एक नया ही आयाम देती हैं ऐसी फ़िल्में। और करवा चौथ अब उत्तर भारतीय त्योहार तक सीमित नहीं है। यह अब भारत में ग्लैमराइज्ड और व्यापक रूप से लोकप्रिय समारोह है।
चूंकि करवा चौथ मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाता है, लेकिन वहीँ पुरुषों को चंद्रोदय तक त्योहार के पालन से पूरी तरह से बाहर रखा जाता है, हालांकि उनसे अपनी उपवास पत्नियों के लिए ध्यान और चिंता प्रदर्शित करने की उम्मीद की जाती है।
करवा चौथ पर पत्नी तो व्रत रखेगी ही लेकिन अगर संभव हो तो अपनी पत्नी के साथ आप भी इस व्रत को रखें। आपकी वाइफ आपके इस रोमांटिक और केयरिंग नेचर से इंम्प्रेस हो जाएंगी।
करवा चौथ पर अगर आप (पति) निम्नलिखित बातों का अनुसरण करते है तो पति-पत्नी में प्रेम और सुदृढ़ होगा और आप भी करें पत्नी को खुश, बस कुछ बातों का ध्यान रखें और इस त्यौहार को यादगार बनायें.
करवा चौथ पर करें पत्नी को खुश इन उपायों को अपना कर :
१. करवा चौथ के दिन कोशिश करें कि आप अपनी पत्नी की घर के कामों में मदद जरूर करें।
२. हो सके तो एक दिन के लिए आप ऑफिस या बिसुनेस से छुट्टी ले लें और साथ ही अपने मोबाइल, लैपटॉप से दूरी बना लें और उन्हें पूरा टाइम दें।
३. अगर इसदिन के लिए आपका कोई और प्लान बना हुआ था तो उसे तुरंत कैंसिल करें और अपनी पत्नी को यह एहसास दिलाएं कि आपके लिए उनसे ज्यादा इम्पोर्टेन्ट कोई और नहीं है।
४. करवा चौथ की सुबह अपनी पत्नी के साथ किसी नजदीकी शिव-पार्वती मंदिर में जाएं और शिवजी को बिल्वपत्र और देवी पार्वती को लाल फूल चढ़ाएं। साथ ही शिव-पार्वती का गठबंधन भी करें। इससे आपके वैवाहिक जीवन की परेशानियां कम हो सकती हैं।
५. करवा चौथ पर पति अपनी पत्नी को कोई इत्र या परफ्यूम उपहार में दे तो वैवाहिक जीवन खुशहाल बना रहता है। ये चीजें शुक्र से संबंधित हैं और ये ग्रह वैवाहिक सुख का कारक है।
६. करवा चौथ में जितना महत्व पूजा और व्रत का होता है, उतना ही करवा चौथ की कथा का भी है। कथा में भगवान गणेशजी के वरदान की कहानी है जिसे सुनने से भाग्य जागता है। इसलिए करवाचौथ के दिन हर पति को पत्नी के साथ इस कथा को ध्यान से सुनना चाहिए।
७. वैसे तो करवा चौथ पर सिर्फ महिलाएं ही भगवान श्रीगणेश की पूजा करती हैं। लेकिन यदि पति-पत्नी दोनों मिलकर ये पूजा करें और गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें तो दोनों के बीच प्रेम लंबे समय तक बना रहता है।
८. दिन में टाइम पास के लिए अगर यह संभव हो तो पत्नी के साथ कुछ समय बैठे , अपने पुराने खुशगवार दिनों की यादों को ताज़ा करें। किसी भी बात पर झगडा नहीं हो इस बात का विशेष ध्यान रखें।
९. करवा चौथ पर पति भी, यदि संभव हो तो, पूरा दिन व्रत रखें और शाम को पत्नी के साथ ही पूजा के बाद उद्यापन करें। इस दिन चंद्रमा को देखकर ही व्रत खोला जाता है। जिस तरह चंद्रमा अपनी पत्नी रोहिणी से प्रेम करता है, उसी तरह पति-पत्नी में भी प्रेम बना रहेगा।
पति-पत्नी का रिश्ता मन का रिश्ता होता है, ये जन्म-जन्मांतर का अटूट प्रेम बंधन तभी जीवंत रह सकता है जबकि आपने विवाह के समय लिए गए सच्चे वायदे पूरे करने की कसम खाई हो व उसे साकार रूप प्रदान किया हो। जीवनसाथी से धोखा करना सरासर बेईमानी है, जिससे आपसी विश्वास को ठेस पहुंचती है। इन सारे संकल्पों को आत्मसात कर लें।
करवा चौथ का असली महत्व तभी सार्थक होगा, जब आप दोनों निश्चिंत होकर एक-दूसरे के सहयोग से अपनी दुनिया सजाएंगे।
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